महाराणा प्रताप का इतिहास | महाराणा प्रताप | राणा प्रताप सिंह

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महाराणा प्रताप का इतिहास | महाराणा प्रताप | राणा प्रताप सिंह

महाराणा प्रताप का इतिहास – महाराणा प्रताप जन्म – 9 मई 1540 ई. में (कुम्भलगढ़) 

महाराणा प्रताप | राणा प्रताप सिंह | महाराणा प्रताप का इतिहास
महाराणा प्रताप | राणा प्रताप सिंह | महाराणा प्रताप का इतिहास
  • माता – जयवेता बाई 
  • राणा प्रताप पत्नी अजमादे कंवर 
  • बचपन का नाम – कीका (छोटा बच्चा) 
  • उदयसिंह ने राणा प्रताप के छोटे भाई जगमाल को राजा बनाया लेकिन मेवाड़ के सामंतों ने महाराणा प्रताप को राजा घोषित कर दिया।
  • गोगुन्दा में राजतिलक किया गया। 
  • कुम्भलगढ़ के किले में दुबारा राजतिलक किया गया।

प्रताप को समझाने के लिए अकबर द्वारा भेजे गये दूत

  • 1. जलाल खां कोरची 
  • 2. मानसिंह
  • 3. भगवंतदास
  • 4. टोडरमल 

महाराणा प्रताप का इतिहासहल्दीघाटी का युद्ध – Battle of Haldighati

  • 18 जून 1576 ई में। 
  • राणा प्रताप V/s अकबर – अकबर के सेनापति मानसिंह व आसफ खा थे। 
  • मिहतर खां नामक सैनिक ने अकबर के आने की झूठी सूचना दी। 
  • चेतक के घायल होने के कारण प्रताप युद्ध के मैदान से बाहर चला गया। झाला बीदा (मान) युद्ध का नेतृत्व करता प्रताप की तरफ से हाकिम खां सूर तथा पूंजा भील लड़े थे। 
  • चेतक की छतरी बलीचा में हैं। 
  • इस युद्ध को इतिहासकारों द्वारा दिए गए विभिन्न नाम
  • 1. अबुल फजल- खमनौर का युद्ध 
  • 2. बदांयूनी- गोगुन्दा का युद्ध (इस युद्ध में खुद आया था) 
  • 3. जेम्स टॉड- मेवाड़ की थर्मोपोली 
  • 4. आदर्शीलाल श्रीवास्तव- बादशाह बाग का युद्ध। 
  • हल्दीघाटी युद्ध के बाद भामाशाह व उसके भाई ताराचंद ने प्रताप की आर्थिक सहायता की। (चूलिया नामक ग्राम में)

महाराणा प्रताप का इतिहास – कुम्भलगढ़ का युद्धBattle of Kumbhalgarh (1577,78,79ई.)

अकबर के सेनापति शाहबाज खां ने कुम्भलगढ़ पर तीन बार आक्रमण किया। उसने कुम्भलगढ़ पर अधिकार कर लिया लेकिन प्रताप को पकड़ नही सका।

दिवेर का युद्ध – war of diver (1582ई.) 

  • राणा प्रताप ने अकबर के सेनापति सुल्तान खान को मारकर युद्ध जीत लिया। जेम्स टॉड ने इस युद्ध को मेवाड़ का मेराथन कहा हैं।
  • 1585 ई. में अकबर ने जगन्नाथ कच्छवाहा को प्रताप के विरूद्ध भेजा। यह अकबर का प्रताप के खिलाफ अन्तिम अभियान था। 
  • राणा प्रताप ने चावण्ड को अपनी राजधानी बनाया। यहां पर चामुण्डा माता का मन्दिर बनवाया। यहां से मेवाड़ की चित्रकला प्रारम्भ हुई। 
  • चावण्ड में राणा प्रताप की मृत्यु हुई। (19 जनवरी 1597ई.)। बांडोली में प्रताप की आठ खम्भों की छतरी हैं।

महाराणा प्रताप की मृत्यु कैसे हुई

महाराणा प्रताप का इतिहास | History of Maharana Pratap | 1572-1597 ई.

शेर से लड़ते समय चोट के निशान से घायल होने के कारण महाराणा की मृत्यु हो गई । चावण्ड में महाराणा प्रताप की मृत्यु हुई। (19 जनवरी 1597ई.)।

महाराणा प्रताप का जन्म

महाराणा प्रताप | राणा प्रताप सिंह | महाराणा प्रताप का इतिहास

राणा प्रताप जन्म – 9 मई 1540 ई. में (कुम्भलगढ़)

महाराणा प्रताप का इतिहास

महाराणा प्रताप | राणा प्रताप सिंह | महाराणा प्रताप का इतिहास

महाराणा प्रताप का इतिहास – महाराणा प्रताप जन्म – 9 मई 1540 ई. में (कुम्भलगढ़)

माता – जयवेता बाई 
राणा प्रताप पत्नी अजमादे कंवर 
बचपन का नाम – कीका (छोटा बच्चा) 
उदयसिंह ने राणा प्रताप के छोटे भाई जगमाल को राजा बनाया लेकिन मेवाड़ के सामंतों ने महाराणा प्रताप को राजा घोषित कर दिया।
गोगुन्दा में राजतिलक किया गया। 
कुम्भलगढ़ के किले में दुबारा राजतिलक किया गया।

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