Rajasthan Festivals – राजस्थान के त्यौहार

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Rajasthan Festivals – राजस्थान के त्यौहार

Rajasthan Festivals - राजस्थान के त्यौहार
Rajasthan Festivals – राजस्थान के त्यौहार

Rajasthan Festivals राजस्थान के त्यौहार

  1. चैत्र – बसन्त ऋतु         पौष-माघ – जनवरी 
  2. बैशाख – ग्रीष्म           माघ-फाल्गुन  – फरवरी 
  3. ज्येष्ठ – ग्रीष्म                फाल्गुन-चैत्र – मार्च 
  4. आषाढ़                    चैत्र-वैशाख – अप्रैल 
  5. श्रावण वर्षा               वैशाख-ज्येष्ठ – मई 
  6. भाद्रपद – शरद् ऋतु ज्येष्ठ-आषाढ़ – जून 
  7. आश्विन – शरद् ऋतु     आषाढ-श्रावण – जुलाई 
  8. कार्तिक – हेमन्त ऋतु      श्रावण-भाद्रपद – अगस्त 
  9. मार्गशीर्ष – हेमन्त ऋतु         भाद्रपद-आश्विन – सितम्बर 
  10. पौष – शिशिर ऋतु     आश्विन-कार्तिक – अक्टूबर 
  11. माघ – शिशिर ऋतु     कार्तिक-मार्गशीर्ष – नवम्बर 
  12. फाल्गुन – बसन्त ऋतु  मार्गशीर्ष-पौष – दिसम्बर 
  • विक्रम संवत् चैत्र शुक्ल एकम् से शुरू होता हैं। 
  • अंग्रेजी महिनों से बराबर करने के लिए प्रत्येक तीसरे वर्ष एक महीना दो बार गिना जाता हैं, जिसे अधि कमास कहते हैं।

श्रावण Festivals

कृष्ण पक्ष

1. पंचमी- नाग पंचमी

 2. नवमी – निडरी नवमी (नेवले की पूजा की जाती हैं।

3. अमावस्या- हरियाली अमावस्या

  • कल्पवृक्ष मेला- मांगलियावास (अजमेर)
  • फतेह सागर मेला – उदयपुर
  • बुढ़ा जौहड़ मेला- श्रीगंगागनर

शुक्ल पक्ष

1. तृतीया- छोटी तीज – जयपुर की सवारी प्रसिद्ध हैं । 

  • नवविवाहिता लहरिया ओढ़नी पहनती हैं।
  • नवविवाहिता के लिए ससुराल से सिंजारा  आता हैं । 

2. पूर्णिमा- रक्षा बन्धन

  • नारियल पूर्णिमा 
  • श्रवणकुमार की पूजा की जाती हैं।

भाद्रपदFestivals

कृष्ण पक्ष

1. तृतीया- बड़ी तीज, बुढ़ी तीज, सातुडी तीज, कजली तीज

  • बूंदी की सवारी प्रसिद्ध हैं। 

2. षष्ठी- ऊब छठ/हलछठ (बलराम जयंती) 

3. अष्टमी- कृष्ण जन्माष्टमी। 

4. नवमी- गोगानवमी

  • मेले – ददरेवा (चुरू), गोगामेड़ी (हनुमानगढ़)
  • किसान हल को नौ गांठ वाली राखी बांधता हैं। 

5. द्वादशी- बछबारस। 

6. अमावस्या- सती अमावस्या

  • झुंझुनू में रानी सती का मेला लगता हैं।

शुक्ल पक्ष 

1. द्वितीया- बाबे री बीज (रामदेव जयंती) – द्वितीया से एकादशी तक रामदेवरा (जैसलमेर) में रामदेव मेला लगता हैं। जिसे मारवाड़ का कुंभ कहते हैं। 

2. चतुर्थी- गणेश चतुर्थी, शिव चतुर्थी, कलंक चतुर्थी, चतरा चौथ। 

  • मेले- त्रिनेत्र गणेश मेला (रणथम्भौर)
  • चुंधी तीर्थ मेला (जैसलमेर) 

3. पंचमी- ऋषि पंचमी (सप्तऋषि की पूजा)

  • मेले- भोजन थाली मेला- कामां (भरतपुर) 
  • माहेश्वरी समाज का रक्षाबन्धन 

4. अष्टमी- राधाअष्टमी

  • सलेमाबाद (अजमेर) में निम्बार्क सम्प्रदाय का मेला। 

5. दशमी- तेजा दशमी (परबतसर में पशु मेला)

  • खेजड़ली वृक्ष मेला। 

6. एकादशी- जलझूलनी एकादशी । देव झुलनी एकादशी। 

7. चतुर्दशी- अनन्त चतुर्दशी (गणेश विसर्जन) 

8. पूर्णिमा- श्राद्ध प्रारम्भ।

आश्विनFestivals

कृष्ण पक्ष 

1. श्राद्ध पक्ष- कृष्ण पक्ष की एकम् से अमावस्या तक श्राद्ध चलते हैं।

  • श्राद्ध पक्ष में सांझी की पूजा की जाती हैं। 
  • मत्स्येन्द्र नाथ मंदिर (उदयपुर) सांझी का मंदिर कहलाता हैं। 
  • श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन (अमावस्या) को थम्बुड़ा व्रत किया जाता हैं।

शुक्ल पक्ष 

1. एकम्:- शरद नवरात्रा प्रारम्भ 

2. अष्टमी- दुर्गाष्टमी । होमाष्टमी 

3. दशमी:- दशहरा . खेजड़ी वृक्ष की पूजा की जाती हैं। .

  • हथियारों की पूजा भी की जाती हैं।
  • इस दिन लीलटांस पक्षी (चिड़िया) के दर्शन शुभ माने जाते हैं।
  • कन्हैयालाल सेठिया ने लीलटांस नामक कविता लिखी हैं।
  • कोटा / मैसूर (कर्नाटक)का दशहरा प्रसिद्ध

4. पूर्णिमाः- शरद् पूर्णिमा/रास पूर्णिमा ( चन्द्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता हैं। )

कार्तिक Festivals

कृष्ण पक्ष 

1. चतुर्थी:- करवा चौथ 

2. अष्टमी:- अहोई अष्टमी 

3. त्रयोदशी- धनतेरस

  • ऋषि धनवन्तरि की पूजा की जाती हैं। 

5. चतुर्दशी- रूप चौदस/छोटी दीपावली 

6. अमावस्या- दीपावली – दीपावली को भगवान महावीर व दयानन्द सरस्वती का निर्वाण दिवस।

शुक्ल पक्ष 

1. एकम् :- गोवर्धन पूजा 

  • नाथद्वारा 
  • अन्नकूट महोत्सव 

2. द्वितीया – भैया दूज 

3. अष्टमी- गोपाष्टमी 

4. नवमी- आंवला नवमी । अक्षय नवमी 

5. एकादशी- देव उठनी ग्यारस/प्रबोधिनी 

6. पूर्णिमा- सत्यनारायण पूर्णिमा 

मेले

  • पुष्कर (अजमेर)
  • कोलायत (बीकानेर) 
  • चन्द्रभागा- झालरापाटन

माघFestivals

कृष्ण पक्ष 

1. चतुर्थी- तिल चतुर्थो, संकट हरण चतुर्थी . चौथ का बरवाड़ा (स. माधोपुर) में मेला भरता हैं।

शुक्ल पक्ष 

1. पंचमी- बंसत पंचमी . 

  • सरस्वती जयंती। 
  • राजस्थान में बालिका शिक्षा के लिए गार्गी पुरस्कार दिया जाता हैं। 

3. पूर्णिमा:- बेणेश्वर मेला- नवाटापरा (डूंगरपुर) . यहां शिवलिगं 5 स्थानों से खंडित हैं। . 

  • बेणेश्वर मेले को आदिवासियों का कुम्भ कहते हैं
  • वागड़ का पुष्कर
  • इस दिन होली का डंडा रोपण किया जाता हैं।

फाल्गुनFestivals

कृष्ण पक्ष

1. त्रयोदशी- महाशिवरात्रि 

  • शिवाड़ (सवाई माधोपुर) में घुश्मेश्वर महादेव का मेला भरता हैं।

शुक्ल पक्ष 

1. द्वितीया- फुलेरा दूज 

2. पूर्णिमा – होली – ब्यावर में होली पर बादशाह की सवारी निकाली जाती हैं। . 

  • भिनाय- कोड़ामार होली . 
  • महावीर जी- लट्ठमार होली . 
  • बाड़मेर – पत्थर मार होली। . 
  • बाड़मेर में इलो जी की सवारी निकाली जाती हैं। . 
  • सांगोद(कोटा)- न्हाण . जयपुर में जन्म, मरण, परण का त्यौहार मनाया जाता हैं।

चैत्र Festivals

कृष्ण पक्ष 

1. एकम्- धुलण्डी 

2. अष्टमी- शीतला अष्टमी। 

  • चाकसू (जयपुर) में गधो का मेला लगता हैं। 

3. अष्टमी/नवमी- ऋषभदेव मेला (धुलेव-उदयपुर) 

4. एकादशी- जौहर मेला- चित्तौड़गढ़

शुक्ल पक्ष 

1. एकम्- विक्रमी संवत् शुरू होता हैं। . 

  • बसन्त नवरात्रि शुरू। . 
  • वृहत् राजस्थान का गठन 

2. तृतीया- गणगौर . इस दिन शिव-पार्वती की पूजा की जाती हैं। (गणगौर की पूजा धुलण्डी से ही शुरू हो जाती हैं।)

  • जयपुर व उदयपुर की गणगौर सवारी प्रसिद्ध हैं। . 
  • जैसलमेर में गणगौर पर केवल ईसर की सवारी निकलती हैं। (चतुर्थी) . 
  • सबसे अधिक गीतों वाला त्यौहार इस दिन लड़किया अपने लिए सुन्दर पति व भाई के लिए सुन्दर पत्नी की कामना करती हैं। 

3. अष्टमी- अशोक अष्टमी 

4. नवमी- रामनवमी (भगवान राम का जन्मदिन) 

5. पूर्णिमा- हनुमान जयन्ती 

– मेले

  • सालासर (चुरू)
  • मेंहदीपुर (दौसा)

बैशाखFestivals

कृष्ण पक्ष 

1. तृतीया- धींगा गवर . 

  • जोधपुर में इस दिन धींगा गवर मेला गलता हैं।

शुक्ल पक्ष 

1. तृतीया- आखा तीज । अक्षय तृतीया . अबूझ सावा। . 

  • राजस्थान में सबसे ज्यादा बाल-विवाह इसी दिन होते हैं। . 
  • बीकानेर का स्थापना दिवस . 

पूर्णिमाः- पीपल पूर्णिमा/बुद्ध पूर्णिमा। 

– मेले

  • गोमती सागर मेला (झालरापाटन) 
  • बाणगंगा मेला (विराटगनर)
  • मातृकुण्डिया मेला (चित्तौड़गढ़) 
  • गोतमेश्वर मेला- (अरणोद-प्रतापगढ़) 
  • नक्की झील मेला (माउंट आबू)

ज्येष्ठFestivals

कृष्ण पक्ष 

1. अमावस्या- बड़ मावस । वट सावित्री व्रत

शुक्ल पक्ष 

1. दशमी- गंगा दशमी (गंगा जी का धरती पर अवतरण।) 

2. एकादशी-निर्जला एकादशी – उदयपुर में निर्जला एकदशी पर पतंगे उती हैं।

आषाढFestivals

कृष्ण पक्ष

शुक्ल पक्ष 

1. नवमी- भदल्या नवमी 

2. एकादशी- देव शयनी एकादशी। 

3. पूर्णिमा- गुरू पूर्णिमा . 

वेदव्यास का जन्मदिन, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं।

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