Guru Gobind Singh ji | गुरु गोबिंद सिंह जी का इतिहास
Guru Gobind Singh ji | गुरु गोबिंद सिंह जी का इतिहास – गुरु गोबिंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरु हैं। इनका जन्म पौष सुदी 7वीं सन् 1666 को पटना में माता गुजरी जी तथा पिता
Guru Gobind Singh ji | गुरु गोबिंद सिंह जी का इतिहास – गुरु गोबिंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरु हैं। इनका जन्म पौष सुदी 7वीं सन् 1666 को पटना में माता गुजरी जी तथा पिता
पुरुषार्थ किसे कहते हैं » पुरुषार्थ दो शब्दों पुरुष और अर्थ से मिलकर बना है जिसका अर्थ है विवेकशील प्राणी का लक्ष्य । पुरुषार्थ का एक अर्थ उद्योग अथवा प्रयत्न करने से भी है, अर्थात अपने अभीष्ट | (मोक्ष) को प्राप्त करने के लिये उधम करना।
16 संस्कार के नाम » गर्भाधान संस्कार, पुसवन संस्कार, सीमन्तोन्नयन संस्कार, जात कर्म संस्कार, नामकरण संस्कार, निष्क्रमण संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, चौलकर्म संस्कार, कर्णवेधन संस्कार, विद्यारंभ संस्कार, उपनयन संस्कार, वेदारंभ संस्कार, केशान्त संस्कार, समावर्तन संस्कार, विवाह संस्कार, अंत्येष्टि संस्कार
आश्रम व्यवस्था क्या है » धातु से व्युत्पन्न आश्रम शब्द का अर्थ परिश्रम अथवा उद्योग करन से है। इस प्रकार आश्रम में स्थान हैं जहाँ कुछ समय ठहरकर मनुष्य कुछ आवश्यक गुणों का विकास करता है
अकबर » अकबर बीरबल की कहानी » अकबर का राज्याभिषेक 14 वर्ष की आयु में हुआ था। बैरम खाँ अकबर का संरक्षक था। अकबर का मकबरा सिकन्दरा में है। अकबर के दरबार में अब्दुस्समद, दसवन्त एवं बसावन प्रमुख चित्रकार थे।
शेर शाह सूरी | शेरशाह सूरी | शेरशाह का इतिहास » शेर शाह का असली नाम फरीद खाँ था। शेरशाह के पिता हसन खाँ सासाराम के जमींदार थे। 1540 ई. में कन्नौज के युद्ध में विजयी होने के बाद उसने शेरशाह की उपाधि धारण की।
हुमायूँ का इतिहास – हुमायूँ ने अपने राज्य का बँटवारा अपने भाइयों में कर दिया। जून 1539 ई. में हुमायूँ तथा शेर खाँ के बीच चौसा का युद्ध हुआ, जिसमें हुमायूँ पराजित हुआ।
बाबर का इतिहास » मुगल वंश का संस्थापक बाबर था। बाबर फरगना के शासक उमर शेख मिर्जा का बेटा था। पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने पहली बार तुलगमा पद्धति तथा तोपखाने का प्रयोग
मुगल साम्राज्य का इतिहास – जहीरुद्दीन बाबर, हुमायूँ, जलालुद्दीन अकबर, जहाँगीर (सलीम), खुर्रम (शाहजहाँ), औरंगजेब, मुअज्जम बहादुरशाह प्रथम, मुइनुद्दीन जहाँदारशाह
बहमनी सल्तनत | बहमनी साम्राज्य | बहमनी राजवंश » बहमनी साम्राज्य की स्थापना का श्रेय अबुल हसन मुजफ्फर अलाउद्दीन बहमनशाह को जाता है, जिसने 1347 ई. में मुहम्मद बिन तुगलक के विरुद्ध विद्रोह