प्रजामण्डल आंदोलन – Prajamandal Movement
प्रजामण्डल आंदोलन – नागरिको के मौलिक अधिकारों की बहाली करने के उद्देश्य से किये गये आंदोलन प्रजामण्डल आंदोलन के नाम से जाने जाते हैं।
प्रजामण्डल आंदोलन – नागरिको के मौलिक अधिकारों की बहाली करने के उद्देश्य से किये गये आंदोलन प्रजामण्डल आंदोलन के नाम से जाने जाते हैं।
राजस्थान का एकीकरण | Rajasthan ka Ekikaran » राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में पूरा हुआ राजस्थान का एकीकरण 18 मार्च 1948 से शुरू होकर 1 नवंबर 1956 को पूरा हुआ इसमें 8 वर्ष 7 माह 14 दिन लगे।
किसान आंदोलन – बिजौलिया में 1897 ई. से किसान आंदोलन शुरू होता हैं। यह आंदोलन ‘धाकड़’ जाति के किसानों द्वारा किया गया। किसान आंदोलन के मुख्य कारण
1857 की क्रांति | 1857 की क्रांति pdf » 1857 की क्रांति के समय यहां A.G.G. (Geogre Patrick Laurence) था। – 28 मई 1857 ई. में राजस्थान में सबसे पहले नसीराबाद की छावनी
राजस्थान के पूर्वी भाग भरतपुर, धौलपुरस डींग आदि क्षेत्रों पर जाट वंश का शासन था। सूरजमल को ‘जाटो का प्लेटों’ और ‘जाटो का अफलातून’ कहते हैं।
करौली का इतिहास ( यादव वंश ) – करौली में यादवों की ‘जादौन’ शाखा थी। स्वामी दयानन्द सरस्वती सबसे पहले (राजस्थान में) करौली मदनपाल जी के निमत्रंण पर आए थे।
भाटी वंश – भाटी भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं। भाटी यदुवंशी होते हैं, इसलिए जैसलमेर के राजचिन्ह में ‘छत्राला यादवपति’ लिखा हुआ हैं।
आजादी के समय अलवर का शासक महात्मा गांधी की हत्या में इनकी संदिग्ध भूमिका थी, पर बाद में न्यायपालिका ने इन्हें क्लीन चिट दे दी।
जयसिंह | Raja Jaisingh | Maharaja Jaisingh » सवाई जयसिंह ( Maharaja Jaisingh ) ने अश्वमेध यज्ञ करवाया, इसका पुरोहित ‘पुण्डरीक रत्नाकर’ था। सवाई जयसिंह ( Maharaja Jaisingh ) ‘मालवा’ का 3 बार सूबेदार बना।
14 फरवरी 1590 को मानसिंह का राज्याभिषेक किया गया। मानसिंह को 5000 का मनसबदार बनाया। जो बाद में बढ़कर 7000 का हो गया।